गृह प्रवेश 2021: शुभ मुहूर्त का महत्व

गृह प्रवेश 2021: शुभ मुहूर्त का महत्व

सभी 16 संस्कारों में से गृह प्रवेश सभी अहम संस्कारों में से एक है, इसलिए इसे सही मुहूर्त अनुसार ही किया जाना अनिवार्य होता है। इसके मुहूर्त की गणना के लिए किसी विद्वान पंडित या ज्योतिषी का परामर्श ज़रूर लिया जाना चाहिए। इस दौरान पुरोहित पंचांग को देखकर तिथि, नक्षत्र और ग्रहों का सही आकलन कर आपके लिए गृह प्रवेश मुहूर्त को सुनिश्चित करते हैं।

हिन्दू पंचांग में, माना जाता है कि माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह में किया जाने वाला गृह प्रवेश संस्कार बेहद शुभ होता है। जबकि चातुर्मास यानि आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और आश्विन माह में किसी भी तरह का गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि हिन्दू धर्म में इस समय मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इसके साथ ही पौष मास भी गृह प्रवेश के लिए शुभ समय नहीं माना गया है।

वार और दिन को देखें तो, उसमें विशेष रूप से मंगलवार के दिन, गृह प्रवेश करना वर्जित होता है। साथ ही कई बार विशेष परिस्थितियों में, रविवार और शनिवार का दिन भी गृह प्रवेश संस्कार के लिए अशुभ माना गया है। इसके अलावा आप हफ्ते के बाकी शेष किसी भी दिन अपनी सुविधा अनुसार गृह प्रवेश संस्कार आयोजित कर सकते हैं।

तिथियों को देखें तो, किसी भी पक्ष की अमावस्या व पूर्णिमा तिथि गृह प्रवेश संस्कार के लिए अशुभ, जबकि शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि गृह प्रवेश के लिए सबसे उत्तम मानी जाती हैं।

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गृह प्रवेश 2021: शुभ लग्न

गृह प्रवेश संस्कार के दौरान लग्न का विशेष महत्व होता है। शुभ लग्न वो विशेष शुभ समय होता है, जिस दौरान मुहूर्त अनुसार कोई भी कर्मकांड करना उचित व शुभ माना गया है। किसी विशेष समय में किसी खास राशि का लग्न चल रहा होता है, जो आपके लिए शुभ व अशुभ दोनों हो सकता है। ऐसे में शुभ लग्न को निकालते वक़्त कुछ बातों का ध्यान रखना अनिवार्य होता है। आइए इन बातों पर डालते है एक नज़र:-

गृह प्रवेश के लिए शुभ लग्न निकालते वक़्त गृह स्वामी के जन्म लग्न या जन्म राशि से अष्टम लग्न नहीं होना चाहिए।

गृह स्वामी को अपने जन्मराशि/जन्मलग्न से तीसरे, छठे, दसवे या ग्यारवे तथा उसके स्थिर लग्न में ही गृह प्रवेश करना चाहिए, क्योंकि ऐसा इस समय गृह प्रवेश करना हमेशा शुभ फलदायी साबित होता है।

गृह लग्न में लग्न से पहले, दूसरे, पांचवें, सातवें, नौवे और दसवे भावों में शुभ ग्रह और तीसरे, छठे और ग्यारवे भावों में पाप ग्रह हों और इस दौरान चतुर्थ व अष्टम भाव शुद्ध हो, तभी गृह प्रवेश संस्कार करना शुभ माना जाता है।

जातक के जन्म नक्षत्र से सूर्य की स्थिति गृह प्रवेश के दौरान पांचवें या नौवें भाव में होना अशुभ माना जाता है, जबकि आठवें या छठवे में शुभ मानी गई है।


ग्रहप्रवेश संस्कार में शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्तों में रुद्र, श्‍वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, नैरऋत, वरुण सौम्य और भग ये सभी 15 मुहूर्त होते है, जिनमें से:-

-रविवार के दिन 14वां,

-सोमवार के दिन 12वां,

-मंगलवार के दिन 10वां,

-बुधवार के दिन 8वां,

-गुरु के दिन 6वां,

-शुक्रवार के दिन 4वां और,

-शनिवार के दिन दूसरा मुहूर्त, हर प्रकार के शुभ कार्यों में वर्जित माने जाते हैं।

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